Tuesday, May 16, 2017 | 6:33:00 PM
'चाँदनी सी तन्हाई”
चाँदनी रात में
किरणों के धागे से
सपने बुनने लगी हूँ मैं
झिलमिल तारे टाँक के
उनकी चमकती रोशनी में
प्रेम को तकने लगी हूँ मैं
आँखों में आशियाना बनाकर
रहने लगा है कोई
ख्यालों में भी अक्सर अब
बसने लगा है कोई
वो बातें, जिनमें तुम्हारा जिक्र हो
अब सच्ची लगने लगी हैं..
वो तन्हाई, जिनमें तुम्हारा ख्याल हो
अब अच्छी लगने लगी हैं..।
अर्चना अनुप्रिया।
Posted By Archana Anupriya